जय माता दी जैसे की आप सभी को पता है कि नवरात्रि के दिन चल रहा है तो सबके मन में यही सवाल चल रहा होगा की हम पूजा करते समय कौन से दिन किस कलर के कपड़े पहने। और हम कैसे पूजा करें और माता रानी को कैसे भोग लगाए ।
पहला दिन – माता शैलपुत्री
सबसे पहले दिन में सबसे पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। सेल का अर्थ होता है। पर्वत यानि की पर्वत से उनकी उत्पत्ति हुई है। इसलिए उन्हें शैलपुत्री कहते हैं माता शैलपुत्री को पीला रंग पसंद है माता शैलपुत्री की पूजा करने के लिए आप पीले वस्त्र धारण करें क्योंकि पीले वस्त्र धारण करके आप अगर नवरात्रि की शुरुआत करें तो ज्यादा शुभ माना जाता है। इसलिए आप नवरात्रि के पहले दिन पीले कलर के वस्त्र धारण करें।
दूसरा दिन – माता ब्रह्मचारिणी
नवरात्रि के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। माता ब्रह्मचारिणी में सारणी यानी कि भगवान माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए पूजा अर्चना की थी। यानी कि ज्यादा पूजा अर्चना की थी तो इसी नाम पर उनका नाम ब्रह्मचारी प्रिया माता ब्रह्मचारिणी को हरा रंग बहुत पसंद है यदि आप ब्रह्मचारिणी माता की पूजा करते समय हरा वस्त्र पहनते हो तो ज्यादा शुभ माना जाता है तो नवरात्रि के दूसरे दिन आप। हरे रंग के वस्त्र पहने। लेकिन वह एक डार्क हरा कलर का कपड़ा होगा तो और ज्यादा अच्छा रहेगा।
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तीसरा दिन – माता चंद्रघंटा
नवरात्रि के तीसरे दिन माता चंद्रघंटा की पूजा होती है। माता चंद्रघंटा के माथे पर आज चंद्रग्रहण है। इसलिए इनका नाम चंद्रघंटा पड़ा। जी हां दुर्गे मां के तीसरे स्वरूप में माता चंद्रघंटा की पूजा की जाती है तीसरे दिन माता चंद्रघंटा की पूजा करने के लिए यदि आप ब्राउन कलर के कपड़े पहनते हैं तो ज्यादा अच्छा रहेगा। चंद्रघंटा की पूजा करने के लिए आप ब्राउन कलर के कपड़े पहने । चंद्रघंटा की पूजा करने से सभी मनोवांछित इच्छाएं पूरी होती है और आप सभी भय और कष्टों से मुक्त होते हैं।
चौथा दिन – माता कूष्मांडा
नवरात्रि के चौथे दिन माता कूष्मांडा की पूजा की जाती है। एक मान्यता के अनुसार ऐसा माना जाता है कि ब्रह्मांड की रचना माता कुष्मांडा के उदय से हुई है। जी हां, माता कुष्मांडा नवरात्रा माता दुर्गा का चौथा स्वरूप माना जाता है और यह इसकी पूजा नवरात्रि के चौथे दिन की जाती है। तू माता कुष्मांडा की पूजा के दिन आप उनकी पूजा करने के लिए आफ ऑरेंज कलर के वस्त्र धारण करें।
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पांचवा दिन – माता स्कंदमाता
नवरात्रि के पांचवे दिन माता स्कंदमाता की पूजा की जाती है। माता स्कंदमाता कार्तिकेय की माता है जो भक्तों की सारी मनोकामना को पूरी करती हैं और आप स्कंदमाता की पूजा के दिन आप सफ़ेद रंग के वस्त्र धारण कर सकते हैं स्कंदमाता की पूजा करने के लिए सफेद कलर के कपड़े धारण करना ज्यादा शुभ माना जाता है इसलिए आप सफ़ेद रंग के कपडे पहने ।
छठा दिन – माता कात्यायनी
नवरात्रि के छठे दिन माता कात्यायनी की पूजा की जाती है। हां जी नवरात्रि के छठे दिन माता कात्यायनी की पूजा की जाती है जहां कात्यानी मां दुर्गे का छोटा रूप माना जाता है। माता कात्यायनी ऋषि कात्यायन की पुत्री हैं माता दुर्गे की बहुत ही ज्यादा तपस्या करने के बाद माता दुर्गे ने कात्यानी के रूप में कात्यान ऋषि के यहां जन्म लिया। पूजा करने के लिए आप लाल रंग का कपड़ा पहने क्योंकि लाल रंग का कपड़ा माता कात्यायनी का मन पसंद है।
सातवां दिन – मां कालरात्रि
नवरात्रि के सांतवे दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। जी हां, माता दुर्गे के स्वरूप कालरात्रि की पूजा की जाती है। माता कालरात्रि सारी बुरी काली शक्तियों का नाश करती है। इसलिए इनका नाम महाकालरात्रि पड़ा है तो आप कालरात्रि की पूजा करने के लिए आप नीले रंग के वस्त्र पहने कि आप नीले रंग की साड़ी पहने तो ज्यादा सही रहेगा क्योंकि यह कालरात्रि मां का मनपसंद कलर है।
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आठवां दिन – माता महागौरी
नवरात्रि के आठवें दिन माता महागौरी की पूजा होती है। जी हां, अनुराग सिंह आज के दिन माता महागौरी की पूजा होती है। आप यदि अष्टमी को कन्या वगैरह को भूल जाते हैं तो आप गुलाबी रंग के वस्त्र पहने, क्योंकि गुलाबी रंग के वस्त्र पहनना बहुत ही शुभ माना जाता है। महागौरी की पूजा के लिए तो इसलिए आप महागौरी की पूजा करते समय गुलाबी रंग के वस्त्र धारण करें ज्यादा सही माना जाता है ।
नवा दिन – माता सिद्धिदात्री
नवरात्रि के नवमे दिन माता सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। जी हां, माता सिद्धिदात्री की पूजा नवरात्रि की नवमी को जाती है। दुर्गा माता का नवा स्वरूप है। माता सिद्धिदात्री को सिद्धियों की देवी कहा जाता है क्योंकि माता सिद्धिदात्री को सिद्धि बहुत प्राप्त है। तो आप माता सिद्धिदात्री की पूजा करने के लिए नवमी की पूजा और कन्या भोग करवाते समय बैगनी रंग के कपड़े पहने, क्योंकि माता सिद्धिदात्री का मनपसंद रंग है यानी कि पर्पल कलर पहनते हैं तो यह बहुत ही शुभ माना जाता है।
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