गाजियाबाद प्रसिद्ध महादेव मन्दिर
गाजियाबाद का श्री दूधेश्वर नाथ महादेव मत मंदिर ( Ghaziabad famous Mahadev temple ) यहां के भगवान भोले का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर की प्राचीन काल से ही बहुत श्रद्धा है। यहां प्राचीन काल से कई साधु-संत अपनी भक्ति में लीन होकर पूजा करते थे। वह भगवान की तपस्या करते थे। गाजियाबाद का सबसे प्रसिद्ध महादेव का मंदिर दूधेश्वर नाथ मंदिर ( Ghaziabad famous Mahadev temple – Dudheshwar Nath temple ) क्योंकि यह बहुत पुराना मंदिर गाजियाबाद का, यहां संतों ने पूजा , अर्चना करके भगवान शिव को ख़ुश करा था।
Dudheshwar Nath Mandir Address
Shri Dudheshwar Nath Mandir, Gaushalla Road, Jassipura, Madhopura, Ghaziabad, Uttar Pradesh 201009, India
ऐसा माना जाता है कि श्री दूधेश्वर नाथ महादेव मत मंदिर में एक गुफा भी है। यह मंदिर कई ऋषियों के लिए पूजा स्थल रहा है। कहा जाता है कि मंदिर में एक गुफा है जो हिमाचल के एक मंदिर में जाकर खुलती है। मंदिर के संत बताते हैं कि एक इलायची संत थे जिनके नाम पर एक इलायची का भोग लगाया जाता है तो भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
Watch Viral Video – Ghaziabad famous Mahadev Temple
महादेव के पावन दिन ( महादेव special days)
श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर गाजियाबाद में एक विशाल मंदिर “Ghaziabad nearest Mahadev temple Shri Dudheshwar Nath temple ” है जो भगवान शिव के भक्तों के लिए पवन है। भक्त ज्यादातर सोमवार को मंदिर में पूजा करने आते हैं क्योंकि सोमवार को भगवान शिव का पवन दिन माना जाता है। इस दिन भक्त भगवान शिव से मिलने आते हैं। वे उसकी पूजा करने हैं। मंदिर में जाकर श्रद्धालु बहुत प्रसन्न होते है क्योंकि हर जगह महादेव की उपस्थिति होती है।
कावड़ यात्रा
ऐसा माना जाता है कि सावन का महीना भगवान शिव को बहुत पसंद होता है, इसी वजह से सावन के महीने में सभी लोग कावड़ लेने जाते हैं और भगवान महादेव को जल चढ़ाते हैं| जल चढ़ाने से भगवान महादेव प्रसन्न करते हैं और अपने भक्तों पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं। समुंदमंथ के दौरान, जब भगवान शिव ने ज़हर पी लिया था , तब उनका कांट नीला हो गया था , और जहर के प्रभाव को कम करने के लिए जल चढ़ाया जाता है। जल चढ़ाने से विष का प्रभाव कम होता है। इसलिए लोग महादेव को प्रसन्न करने के लिए कावड़ यात्रा पे जाते हैं। जैसे भगवान अपनी कृपा बनाए रखें।
Also Read – हिन्दुओ के लिए क्यों है यह इतना पवन दिन , जानने महाशिवरात्रि का महत्व | (Importance of Maha Shivratri)
भगवान महादेव का पावन समय – सावन
एक साल में 12 महीने होते हैं। लेकिन भगवान भोले के लिए एक महीना होता है, यानी सावन का महीना यह बारिश का मौसम है और भक्त कावड़ यात्रा पर जाते हैं। माना जाता है कि सोमवार का यह दिन भगवान शिव की पूजा करने का पवन दिन माना जाता है। सावन के महीने में चार सोमवार होते हैं। घर की महिलाएं, बच्चे, बड़े, हर उम्र के लोग सावन के सोमवार का व्रत रखते हैं और शिवरात्रि पर जल चढ़ाते हैं।
शिवरात्रि जल अभिषेक का मुहूर्त।
शिवरात्रि 26 जुलाई 2022 के इस पावन अवसर पर 2 घंटे से अधिक का जलाभिषेक मुहूर्त बताया गया | 26 की शाम 7:30 से 9:27 बजे तक रहेगा महूर्त| मान्यता है कि इस दौरान जल चढ़ाने से भक्तों पर भगवान जी की कृपा बनी रहती है। आशा करते है की भगवान भोले आप सभी पर अपनी दया दृष्टि बनाये रखेंगे |
Disclaimer : It is our job to provide information. We write to learn and read. Do not make your own opinion by reading the article. Make your own opinion by doing your research.
We have written and obtained all this information from our research. There is no copyrighted material on our website. For any issues contact to email admin@uplinebharat.com
Read Also Best Our Some Interesting Information like if you are movie person so read Our MOVIES Blog’s and if you are Health conscious person so Read It Here LIFESTYLE , WELLNESS , SKIN CARE , HAIR CARE . For More Updates Read Our Some TECHNOLOGY and GAMES and SPORTS , NEWS .